मैंने अपनी पहचान के लिए संघर्ष किया: रवि किशन ने अपनी फिल्मी यात्रा, भोजपुरी सिनेमा और ‘Laapataa Ladies’ पर दी प्रतिक्रिया

Savitri Mehta

नई दिल्ली: अभिनेता-राजनेता रवि किशन (Ravi Kishan) ने रविवार को कहा कि उन्होंने सिनेमा में अपनी पहचान बनाने के लिए काफी संघर्ष किया, लेकिन हमेशा इस विश्वास पर डटे रहे कि उनका “सूर्योदय” एक दिन जरूर होगा।

भोजपुरी सिनेमा से हिंदी सिनेमा तक का सफर

एक अभिनेता के रूप में, रवि किशन भोजपुरी सिनेमा के सबसे लोकप्रिय सितारों में से एक हैं। उनकी सुपरहिट फिल्मों में ‘Panditji Batai Na Biyah Kab Hoyi’ और ‘Banke Bihari MLA’ शामिल हैं। हिंदी फिल्मों में भी उन्होंने अपनी पहचान बनाई है। उनकी प्रमुख फिल्मों में ‘Hera Pheri’, ‘Tere Naam’, ‘Raavan’, ‘Mukkabaaz’, ‘Batla House’ और हालिया रिलीज़ ‘Laapataa Ladies’ शामिल हैं।

संघर्ष से सफलता तक की कहानी

रवि किशन ने कहा, “मुझे अपनी पहचान बनाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा। मैंने हिंदी, तेलुगु और लगभग हर भाषा में फिल्में कीं। लोग मुझे टेलीविजन पर भी देखते थे। मुझे अपने अभिनय का हुनर पता था और मैं प्राकृतिकता और स्टाइल का एक मिश्रण पेश करना चाहता था, लेकिन मुझे ज्यादा मौके नहीं मिले।”

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